तोह कोई बात बने : Toh Koi Baat Bane


तोह कोई बात बने

मेरे गुमनाम लफ्ज़ो की भी
कोई आवाज़ बने

फिज़ाओ में छुपा लूँ उसे
वो इक राज़ बने

होते तोह बहुत हैं यहाँ
एकतरफा इश्क़

इश्क़ जब इश्क़ से टकराए
तोह कोई बात बने 

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