हवा के साथ तू चलना सिख
हवा के साथ तू चलना सिख ,
वक़्त के साथ तू बदलना सिख ।
पुराने ख्यालात तू छोड़ दे ,
समय के साथ तू मोड़ ले ।
हाँ , बुरे बदलाव की तू तौहीन कर ,
पर अच्छी बातों का तू इस्तक़बाल कर ।
बेमतलब के रिवाज़ो को तू छोड़ दे ,
मन की खिड़की को तू आज खोल दे ॥
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जवाब देंहटाएंSuch a lovely post😍😍😍
जवाब देंहटाएंKhubsurati Shayari