डाकू सुल्ताना की बेटी - फनी शायरी
लगा रहता है खटका जाने क्या अंजाम हो जाए,
खबर यह आम हो जाए तोह फिर कोहराम हो जाए,
मोहबत हो गयी है डाकू सुल्ताना की बेटी से,
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाए ॥
खबर यह आम हो जाए तोह फिर कोहराम हो जाए,
मोहबत हो गयी है डाकू सुल्ताना की बेटी से,
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाए ॥
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