कितनी कंजूसी - फनी शायरी

कितनी कंजूसी पे आमादा है ससुराल मेरी,
राज़ की बात बताते हुए डर लगता है,
ऐसे कमरे में सुला देते है साले मुझ को,
पाउ फैलाऊ तोह दीवार में सर लगता है ॥

कोई टिप्पणी नहीं