रौशनी न रही - फनी शायरी
पदों में बिकती हुई क्षय खरीद मत लेना,
कही यह सोचते रह जाओ ज़िन्दगी न रही,
बस एक बार इन आँखों में सुरमा डाला था,
फिर उसके बाद चरागों में रौशनी न रही ॥
कही यह सोचते रह जाओ ज़िन्दगी न रही,
बस एक बार इन आँखों में सुरमा डाला था,
फिर उसके बाद चरागों में रौशनी न रही ॥
Post a Comment