Shayari On Women | नारी पर शायरी | Happy Women's Day
स्त्रियाँ तो त्याग की मूर्ति और शान्ति का प्रतीक है। आज की नारी ने ये साबित कर दिया है की वो सिर्फ घर की चार दीवारी में मर्द की सेवा करने की लिए नहीं है। अगर वो चाहे तो बहार निकल निकल की पुरे परिश्रम की साथ जो भी मकाम चाहे वो हासिल कर सकती है। अगर आप चाहे तो अंतरिक्ष में पहुंच सकती है कल्पना चावला की तरह, आप हमारे माननिये पूर्व राष्ट्रपति की तरह एक देश की प्रधान बन सकती है, नारी किसी मामले में भी पुरुष से काम नहीं है बल्कि पुरुष से आगे है।
Shayari On Women | नारी पर शायरी | Happy Women's Day
1) मर्द की ऊंची आवाज़
औरत को चुप करा देती है,
लेकिन औरत की ख़ामोशी
मर्द की बुनियाद हिला देती है।
2) नारी प्रीत में राधा बने,
गृहस्ती में जानकी,
काली बनकर शीश काटे,
जब बात हो सम्मान की ।
3) एक के घर की खिदमत की और एक के दिल से मोहब्बत की,
दोनों फ़र्ज़ निभा कर उसने साड़ी उम्र इबादत की ।
4) नारी शक्ति है, सम्मान है
नारी गौरव है, अभिमान है
नारी ने ही रचा ये विधान है
नारी को हमारा शत-प्रतिशत प्रणाम है।
5) क्यों कहती है दुनिया की नारी कमज़ोर है,
आज भी नारी के हाथो में घर चलने की डोर है ।
6) अपमान न करना नारी का,
इनके बल पर जग चलता है,
पुरुष जन्म लेकर,
नारी की गोद में पलता है।
7) बेटी बहु तो कभी माँ बनकर,
सबके सुख दुःख को सेह कर,
अपना सब फ़र्ज़ निभाती है,
तभी तो नारी कहलाती है ।
8) नारी तुम प्रेम हो,
आस्था हो, विश्वास हो,
टूटी हुई उम्मीदों की एक मात्र आस हो,
हर जान का तुम ही तो आधार हो,
नफरत की दुनिया में तुम ही तोह प्यार हो,
उठो अपने अस्तित्व को सम्भालो ,
केवल एक ही नहीं
हर दिन की लिए तुम ख़ास हो।
9) दिन की रोशनी ख्वाबो को बनाने में गुज़र गयी,
रात की नींद बच्चो को सुलाने में गुज़र गयी,
जिस घर में मेरे नाम की तख्ती भी नहीं,
साड़ी उम्र उस घर को सजाने में गुज़र गयी ।
10) क्यों त्याग करे नारी केवल,
क्या नर दिखलाये झूठा बल,
नारी जो ज़िद्द पर आ जाए,
अबला से चंडी बन जाए,
उस पर न करो कोई अत्याचार,
तो सुखी रहेगा घर-परिवार।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 19 जून 2021 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
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