50+ DARD BHARI SHAYARI | दर्द भरी शायरी

DARD BHARI SHAYARI | दर्द भरी शायरी
सारी दुनिया के ग़म हमारे हैं
और सितम ये कि हम तुम्हारे हैं
मैंने इस कदर “समझौता” कर लिया है गमों से
मुझे मोहब्बत हो गई है सितमगर के सितमों से।
ढूंढता रहा जिसे मैं हाथों की लकीरों मे
वो आशना बना किसी और की तकदीरों मे।
इन गमों ने साथ दिया हमारा
बिना ग़म के हम बेचारे हैं
अभी उतरा है काग़ज़ पर ग़म
अभी नज़्म के ख़म सँवारे हैं
तारीफ हमने की, अब दुनिया में चर्चे तुम्हारे है,
जो बरस रहे हैं फूल, ओ गुलजार सारे हमारे है
सारी दुनिया के ग़म हमारे हैं
सितम बस उसका अब इतना है
कि हम दिल उस बे-दिल पर ही हारे हैं
और हारने का लुफ़्त इतना आ रहा है
कि सितम में भी इश्क का मज़ा पा रहे हैं
रूह प्यासी कहाँ से आती है
ये उदासी कहाँ से आती है
मैं हूँ तुझ में और आस हूँ तेरी
तो निरासी कहाँ से आती है
कभी दर्द है तो दवा नहीं,
जो दवा मिली तो शिफा नहीं,
वो जुल्म करते हैं इस तरह,
जैसे मेरा कोई खुदा नहीं||
ज़रा पाने की चाहत में..
बहुत कुछ छूट जाता है,
न जाने सबर का धागा..
कहाँ पर टूट जाता है,
किसे हमराह कहते हो..
यहाँ तो अपना साया भी..
कहीं पर साथ रहता है
कहीं पर छूट जाता है...
दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
उसने दर्द इतना दिया कि सहा न गया,
उसकी आदत सी थी इसलिए रहा न गया,
आज भी रोती हूँ उसे दूर देख के,
लेकिन दर्द देने वाले से ये कहा न गया।
हम मौत को भी जीना सिखा देंगे
बुझी जो शमा तो उसे भी जला देंगे
कसम तेरे प्यार की जिस दिन हम जायेंगे
दुनिया से एक बार तुजे भी रुला देंगे..!!
दुआ मांगी थी आशियाने की,
चल पड़ी आंधियां ज़माने की,
मेरे गम को कोई समझ न पाया,
मुझे आदत थी मुस्कराने की॥
उसे मेरी शायरी पसंद आई क्योंकि इनमें दर्द था..
न जाने क्यों..
मै पसंद नहीं आया मुझमें उससे ज्यादा दर्द था।
मोहब्बत उसको मिलती हे जिनका नसीब होता हे,
बहुत कम हांथो मे ये मोहब्बत की लकीर होती हे,
कभी कोई अपनी मोहब्बत से ना बिछड़े,
कसम से ऐसे हालत मे बहुत तक़लीफ़ होती हे!
वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे,
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है।
ना किया कर अपने दर्द को
शायरी में बयान ऐ दिल,
कुछ लोग टूट जाते हैं
इसे अपनी दास्तान समझकर।
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहुत है,
और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते।
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,
मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की
जब जहाँ जो मिला अपना लिया,
जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की
हमें देख कर जब उसने मुँह मोड़ लिया,
एक तसल्ली हो गयी चलो पहचानते तो हैं।
खुले आसमान के निचे बैठा हूँ …कभी तो बरसात होगी …..
एक बेवफा से प्यार किया हैं तो ज़िन्दगी कभी तो बर्बाद होगी
कभी तोडा कभी जोड़ा कभी फिर तोड़कर जोड़ा,
नाकारा कर दिए दिल को तेरी पेवन्द कारी ने।
अगर खुश है तो मुझसे दूर रहकर,
तो खुदा करे तु मुझसे कभी न मिले।
हर भूल तेरी माफ़ की
हर खता को तेरी भुला दिया
गम है कि, मेरे प्यार का.
तूने बेवफा बनके सिला दिया
तुझे चिठ्ठीयां नहीं करवटो की नकल भेजेंगे
अब चादर के नीचे कार्बन लगाने लगे हैँ हम
एक ख्वाहिश है मेरी, पूरी हो इबादत के बगैर
वो आकर लिपटे मुझसे, मेरी इजाजत के बगैर.
समझा ना कोई दिल की बात को
दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया
जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया
आँसू गिरने की आहट नही होती
दिल के टूटने की आवाज नहीं होती
गर होता उन्हें एहसास दर्द का
तो दर्द देने की उन्हें आदत नहीं होती
कभी हम पर ‎जान‬ दिया करते थे
जो हम कहते मान लिया करते थे
अब पास से अनजान बनकर गुज़र जाते है
जो कभी हम को दूर से पहचान लिया करते थे
टुटा हो दिल तो दुःख होता हैं
कर के मोहब्बत दिल रोता हैं
दर्द का एहसास तब होता हैं
जब आपकी मोहब्बत के दिल में कोई और होता हैं
हम मौत को भी जीना सिखा देंगे
हम मौत को भी जीना सिखा देंगे
बुझी जो समा उसे भी जला देंगे
सुबह होती है शाम होती है,यूँ ही जिंदगी तमाम होती है,
यूं तो उन्ही का होता है जीना,जिनकी मोहब्बत
में सुबह और शाम होती है।
हम कोई हवा नही जो खो जाएंगे, हम वक्त
भी नही जो गुजर जायेंगे, हम मौसम भी नही जो
बदल जायेंगे, हम तो वो आँसू है जो ख़ुशी हो या
गम दोनों में नजर आएंगे।
हम आपकी सासें बनके आपका साथ निभाएंगे,
यही कोशिश करेंगे कभी नही सतायेंगे,
अगर हमारी मोहब्बत पसन्द न आये तो कह देना,
हम आपकी जिंदगी से बहुत दूर चले जायेगे
गुलशन की बहारों पे सर-ए-शाम लिखा है,
फिर उसने किताबों पे मेरा नाम लिखा है,
ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगा,
कुछ सोच के उस ने मेरा अंजाम लिखा है।
दर्द दे गए सितम भी दे गए,
ज़ख़्म के साथ वो मरहम भी दे गए,
दो लफ़्ज़ों से कर गए अपना मन हल्का,
और हमें कभी ना रोने की कसम दे गए।
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।
तुम मेरे दर्द को मिटा दोगी एक दिन
इसी उम्मीद में ज़ख्म संभाले हैं अब तक
कुछ चीज़े हम पुरानी छोड़ आये हैं,
आते आते उसकी आँखों में पानी छोड़ आये हैं,
ये ऐसा दर्द है जो बयां हो ही नहीं सकता,
दिल तो साथ ले आये धड़कन छोड़ आये है।
प्यार किया तो उनकी महोब्बत नजर आयी,
दर्द हुआ तो पलके उनकी भर आयी,
दो दिलों की धड़कन में एक बात नज़र आयी,
दिल तो उनका धड़का पर आवाज इस दिल से आयी।
न किया कर अपने दर्द को शायरी में बयां ऐ दिल,
कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्ताँ समझ कर।
अब कोई दर्द दर्द नहीं लगता ऐ सनम,
तेरे दिए हुए दर्द ने तो कमाल कर दिया।
दिल से महसूस कर सकते हैं उस दर्द को,
जो तेरी कलम ने एक एक करके तरासा है।
इश्क करना तो लगता है जैसे,
मौत से भी बड़ी एक सजा है,
क्या किसी से शिकायत करें हम,
जब अपनी तकदीर ही बेवफा है।
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते,
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते,
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है..
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।
उदास रहता है मोहल्ले में
बारिश का पानी आजकल ...
सुना है कागज़ की नाव बनाने वाले
बड़े हो गये !!!!

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