देशभक्ति शायरी – देश भक्ति पर शायरी- Desh Bhakti Shayari in Hindi- Patriotic shayari hindi


 Desh Bhakti Shayari in Hindi



भारत सिर्फ एक भूमि का टुकड़ा नहीं है, भारत लोगो का समूह मात्र नहीं है, भारत  बहती हुई नदी का नाम नहीं है, भारत एक भौगोलिक सीमा नहीं है,भारत  तो एक भाव है, भारत आत्मा की तरह हमारे शरीर में बस्ता है और भारत देश नही है भारत हमारे प्राण है॥ हम उस देश के वासी है जहाँ अनूठी संस्कृतिओं का अनुपम संगम है। जहाँ ये कहा जाता है की अगर दो कोष पे भाषा बदलती है तोह चार कोष पे वस्त्र बदल जाते है, संस्कृतियाँ बदलती रहती है लेकिन अनेकता में एकता इससे बड़ी कोई मिसाल कोई हो नहीं सकती जो इस देश की है । भारत की संस्कृति कितनी प्राचीन है, भारत की संस्कृति का सबसे प्राचीन उद्धरण है वेद ,हमारे वो चार वेद जो सारी दुनिया को प्रेरणा देते है यजुर्वेद, अथर्ववेद , सामवेद , ऋग्वेद। भारत ने सिर्फ दर्शन और अध्यात्म के छेत्र में ही दुनिया को राह नहीं दिखाई, वरना विज्ञान, विज्ञान एक ऐसा विषय है जिसमे भारत ने पहल नहीं की होती तोह हम अंतरिक्ष में नहीं पोहोच पाते । शून्य जिसकी खोज भारत ने की, आर्य भट्ट यहाँ हुए, अगर आज शून्य दुनिया को नहीं मिलता तोह चाँद तक की दुरी हम नाप नहीं सकते थे ।

भारत  जिसका मस्तक कश्मीर जिसपे मुकुट की तरह जड़ा है हिमालय, और सागर हमारे चरण पखेरता है । वो सागर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक वो दुरी हमारी लगभग चार हज़ार किलोमीटर है। पूर्व से लेकर पश्चिम और ऊपर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत लगभग साढ़ेसात हज़ार किलोमीटर में फैला हुआ एक देश  जहा पे विभिन्न संस्कृतियाँ है, जहाँ पे लगभग बाइस संवैधानिक भाषाएँ है और आठसौ चवालीस उप भाषाएँ है। विश्व का सबसे बड़ा लोक तंत्र और हमारी अस्मिता का सबसे बड़ा प्रतीक हमारा तिरंगा, हमारा राष्ट्रीय ध्वज । हमारा राष्टीय ध्वज जो तीन रंगो का समागम है हरा-श्वेत-केसरिया और उसके बीच हमारे प्रगति हमारी उन्नति का प्रतीक अशोक चक्र जिसमे बीच में चौबीस तिलिआ है। एक सौ पचीस लोगो का यह देश उनत्तीस प्रदेशो में और सात केंद्र साशित प्रदेशो में बटा हुआ है । जहा की भाषाएँ अलग है, जातियाँ अलग है, वर्ग अलग है, लेकिन सबकी भावना एक है - हिन्दुस्तानियत । भारत जिसे गर्व है की हमारे राष्ट्र पिता श्री मोहन दास करम चंद गाँधी, भारत जिसे  गर्व है की हमारे प्रथम प्रधान मंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू जिन्होंने इस आधुनिक भारत की नीव रखी और मुझे गर्व है की मेने इस देश में जन्म लिया और मुझे यकीन है की आप सब लोगो को भी गौरव की अनुभूति हो रही होगी की मेने भी अपने इस देश की माटी में जनम लिया ।




फूलों से नहीं कहूंगा कुछ भी चमन के लिए, बंदूकों से नहीं कहूंगा कुछ भी अमन के लिए, लेकिन आप लोगो से इतना ज़रूर कहूंगा की, दो-चार मिनट ही सही वक़्त निकालिए अपने वतन के लिए ॥
फुर्सत तोह मुझे भी थी बहुत देश के लिए, जब पेट भर गया तोह मुझे नींद आ गयी ॥
सच है इरादे हमारे विध्वंशक नहीं है, अकारण युद्ध के हम भी प्रशंशक नहीं है, अहिंसा के पुजारी है हम लेकिन, सुनले दुनिया अहिंसक है हम नपुंसक नहीं है ॥
हमने दिया है दुनिया को शुनिया और योग का ज्ञान, मेरा भारत महान, हमारे कंप्यूटर ेंगिनीर्स और वज्ञानिक है हमारे देश की शान, मेरा भारत महान, हमने साड़ी दुनिया को सदा बाटी है मुस्कान, मेरा भारत महान ॥
अन्धकार है वहां जहाँ आदित्य नहीं है, मुर्दा है वो देश जहाँ साहित्य नहीं है ॥
जो मात्र भूमि के लिए जिया करते है जो देश भक्ति का अमृत पिया करते है, बाहों में जिनके पौरुष लहराता है, जिनके वाणी से महाकाल गाता है, हाथों में अपने थामे तरल तिरंगा, जो रहे बहते शत्रु रक्त की गंगा, लिख दिया शिलाओं पे लघु से नारा, भारत का कण कण हमे प्राण से प्यारा, जब तक स्वदेश का एक जवान रहेगा, तब तक दुनिया में हिंदुस्तान रहेगा ॥
आज़ाद भारत के जो सेनानी, सच्चे थे वो हिंदुस्तानी, कर बलिदान अपना सर्वसुख, आज़ादी पाने की जिन्होंने ठानी ॥
देखो वीर जवानो, अपने दूध पे ये इल्जाम न आये, भारत माँ ये न कह दे की, मेरे बेटे वक़्त पड़ा तोह काम न आये ॥
ना जियो धर्म के नाम पर ना मारो धर्म के नाम पर इंसानियत ही है धर्म वतन का बस जियो वतन के नाम पर ॥
कोई हस्ती कोई मस्ती, कोई चाह पर मरता है कोई नफरत कोई मोहब्बत कोई लगाव पे मरता है ये देश है उन देवानो का यहाँ हर बाँदा अपने हिन्दुस्तान पे मरता है ॥
ना सरकार मेरी है,
ना रौब मेरा है,
ना बड़ा सा नाम मेरा है,
मुझे तोह एक छोटी सी
बात का घमंड है,
मैं भारत का और भारत मेरा है।
सर झुके बस उनकी शहादत में,
जो शहीद हुए हमारी हिफाज़त में।

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