ऐसा हो गणतंत्र हमारा - कविता
हमारे देश की सबसे बड़ी विशेषता है न को आमिर न कोई गरीब न कोई बड़ा न कोई छोटा॥ आज़ादी के दिन हमने ध्वजा रोहण तोह किया लेकिन आपको और हमे एक बात समझने की जरुरत है की ये आज़ादी मुफ्त नहीं मिली है इस देश को, बहुत सारे लोगो ने बलिदान दिया है, बहुत सारे लोग शहीद हुए है, बहुत माओं ने अपने लालो को खोया है, अगर उन शहीदो ने अपने प्राण उत्तरसर्ग नहीं किये होते स्वतंत्र के लिए तोह हम आज़ाद हवा में सांस नहीं ले रहे होते। मिट्टी तो होती लेकिन उसमे खुशबू नहीं होती, पानी शायद प्यास नहीं बुझा सकता था, भूख सिर्फ पेट में नहीं आँखों में होती साँसों में होती । उन शहीदो ने एक आदर्श भारत का सपना देखा था और इसे आज़ाद करवाया। आईये मिल कर प्राण ले की हम उनके सपने को पूरा करे हम अपना फ़र्ज़ निभाए इस स्वतंत्र के लिए :-
ऐसा हो गणतंत्र हमारा,
ऐसा हो गणतंत्र हमारा,
देश सेवा में रहे समर्पित,
शाशन और प्रशाशन सारा,
ऐसा हो गणतंत्र हमारा,
ऐसा हो गणतंत्र हमारा।
ऐसा हो गणतंत्र हमारा,
हर छेत्र में बढ़ेंगे आगे,
दुश्मन हमसे थर-थर कांपे,
सारे जग को करेंगे रोशन,
सारी दुनिया का बने सहारा,
ऐसा हो गणतंत्र हमारा,
ऐसा हो गणतंत्र हमारा ।
ऐसा हो गणतंत्र हमारा,
ऐसा हो गणतंत्र हमारा,
भ्रस्टाचार का नाम नहीं हो,
एक दूजे के बने हितेषी,
जगे हमारे अंतर मन में,
निश्छलता का भाव स्वदेशी,
मेहनत का हम डीप जला कर,
करे हर घर में उजाला,
ऐसा हो गणतंत्र हमारा,
ऐसा हो गणतंत्र हमारा ।
ऐसा हो गणतंत्र हमारा,
विजय पथ पर बढ़ते जाए ,
वीर विजय सेनानी सारे,
भारत माँ का भाल सदा ही,
विजय तिलक कर यह सवारें,
करें सुशोभित इस वसुधा को,
न्यारा भारत वर्ष हमारा,
ऐसा हो गणतंत्र हमारा,
ऐसा हो गणतंत्र हमारा ॥
very nice article bhai
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