पेड़ पर शायरी | Shayari on Trees in Hindi
एक पेड़ इतनी ठंड पैदा करता है जितनी 1 A.C. 10 कमरों में 20 घंटो तक चलने पर करता है। जो इलाका पेड़ो से घिरा होता है वह दूसरे इलाको की तुलना में 9 डिग्री ठंडा रहता है । मेने एक चिड़िया पाली, एक दिन वो उड़द गयी, फिर मैने एक गिलहरी पाली, एक दिन वो भी चली गयी,फिर मैने एक दिन एक पेड़ लगाया, दोनों वापिस आ गयी। तोह दोस्तों पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ, जीवन खुशहाल बनाओ। हमारे पर्यावरण में ज्यादा मात्रा में कार्बनडाईऑक्साइड हो गयी है जिसकी वजह से ग्लोबल वार्मिंग बड़ गया है, पेड़ कार्बनडाईऑक्साइड को सोक लेते है जिसकी वजह से संतुलन बना रहता है । पेड़ हमारे पर्यावरण के दूषित कणो को सोख कर स्वच्छ बनाते है। पेड़ सिर्फ हमे ही नहीं अपितु संसार के सभी जीवित प्राणी व पशु-पक्षियों को ऑक्सीजन प्रदान करते है। ढाती पे इंसान की शुरआत से ही पेड़ो ने इंसान को दो मुलभुत चीज़े दी है : खाना और ऑक्सीजन। जैसे-जैसे इंसान बढ़ता गया उन्होंने पेड़ो का इस्तमाल अपने लिए घर बनाने, दवाइया बनाने व औज़ार के लिए इस्तेमाल किया। पेड़ो के महत्वा को कम नहीं आँका जा सकता, पेड़ हमारे प्राण दाता है, प्राचीन काल में लोग पेड़ो की पूजा करते थे क्यूंकि जीवन जीने के लिए सबकुछ उन्हें पेड़ो से ही मिलता था। पेड़ हमे फल प्रदान करते है, छाया प्रदान करते है, सुख जाने पर जलने के काम आते है, कड़ी धूप में छाया देते है, घर बनाने के काम आते है। दोस्तों हम आप के लिए लाये है पेड़ पर शायरी Shayari on Trees in Hindi जो आप अपने दोस्तों और अन्य लोगो को भेज कर उन्हें पेड़ो के प्रति जागरूक कर सकते है, उन्हें वृक्षारोपण का महत्व बता सकते हो। और उनसे यह अनुरोध करें की वह खूब सारे पेड़ लगाए ।
पेड़ पर शायरी | Shayari on Trees in Hindi
पेड़ पर शायरी | Shayari on Trees in Hindi
1) पेड़ काटने आये है कुछ लोग मेरे गाँव में,
अभी धुप तेज है कह कर बैठे है उसी की छाँव में ॥
2) अपने होने का हम कुछ इस तरह पता देते थे,
खाख मुट्ठी में उठाते थे,उड़ा देते थे।
बे-समर जान के हम काट चुके है जो शजर,
याद आते है के बेचारे हवा देते थे।
उसकी महफ़िल में वही सच था, वो जो कुछ भी कहे,
हम भी गूंगो की तरह हाथ उठा देते थे ॥
3) जीवन का आधार वृक्ष है,
धरती का श्रृंगार वृक्ष है,
प्राणवायु दे रहे सभी को,
ऐसे परम उदार वृक्ष है ॥
4) इंसान क़त्ल करने के जैसा तोह ये भी है,
अच्छे भले शजर को कुल्हाड़ी से काटना ॥
5) जिंदगी के मोल पर ज़हर खरीदते हो,
बड़े नादाँ हो साहब,
शजर की जमीन खोदकर शहर खरीदते हो ॥
6) कोई समझेगा क्या राज़-ए-गुलशन,
जब तक उलझे न काँटो से दामन॥
7) हम सायादार पेड़ जमाने के काम आये,
जब सूखने लगे तोह जलाने के काम आये ॥
8) उड़ कर गए परिंदे कब ये समझेंगे,
शाखें दिन भर राह निहारा करती है,
इतना सा फ़लसफ़ा जिंदगी का,
कहाँ परिंदो ने जाना है,
ये बात सिर्फ आज की नहीं,
दर्द ये शाखों का सदियों पुराना है ॥
9) वो जो पेड़ काट गया वो मुझसे पुराना था,
कई चिड़ियों का गिलहरियों का वो आशियाना था,
मेरा उस से बस इतना सा रिश्ता था के,
मेरी साँसों में उसका आना जाना था ॥
10) पानी को मुट्ठी में बंद करने की नादानी कर रहा है,
बड़ा अजनबी है वो जो ये पहचानने से इंकार कर रहा है,
खुद को सारे जंगल का राजा समझ रहा है,
वो मिले तोह कभी उनका ये भ्रम मिटा देंगे॥
11) इमारतों की बस्ती में मुहब्बत का भूखा है,
मेरे घर के आगे खड़ा एक शज़र सूखा है ॥
12) हज़ारो शज़र का रात भर क़त्ल होता रहा,
कभी न सोने वाला शहर आज सोता रहा ॥
13) हवा कुछ कह रही थी,
आग तेज़ी से सुलग रही थी,
उजड़ रहा था जंगलो का फ़साना,
इंसान बसाने लगा था आशियाना ॥
14) तब तक जीव है जगत में,
जब तक जग में पानी,
जब तक वायु शुद्ध रहती है ,
सौंधी मिट्टी रानी,
तब तक मानव का जीवन है ॥
15) हम अपनी पहचान मिटाने लगे है,
साख पर बैठे परिंदे भी उड़ाने लगे है,
अपने ही हाथो से साँसों को उखाड़ने लगे है,
मिटने की तैयारी खुद ही करने लगे है ॥
Plant Fertilizers
जवाब देंहटाएं